प्याज खाना बनाने का अभिन्न अंग है। खाना प्याज के बगैर पूरा नही माना जाता। भारत में प्याज की खेती बहुत बड़े स्तर पर की जाती है।
Advanced Varieties of Onion (प्याज की उन्नत किस्में):
- पटना रेड
- एन-53
- एग्रीफाउण्ड डार्क रेड
- ब्राऊॅन सपेनिश
- पालम लोहित
- भीमा सुपर
- भीमा लाल
- भीमा श्वेता
बोने की विधि Seeding Method of Onion
• 2-3जुताई करके सममतल क्यारियाँ व नालियां बनानी चाहिए ।
• बिजाई व रोपाई का समय: अक्तूबर, October से मध्य दिसम्बर, December तक का अच्छा होता है ।
• पौध रोपाई मध्य दिसम्बर से मध्य जनवरी तक करनी चाहिए ।
• बीज की मात्रा 4-5 किलोग्राम/ एकड़ बहुत होती है।
• पौधे की सुरक्षा की सुविधाओं के ध्यान में रखते हुए पौध की बिजाई कतारों में 4-5 सैं.मी. से 100 सै.मी. व लम्बाई रखते हैं।
• एक एकड़ के लिए 50 से 60 क्यारियां बहुत होती है।
• रोपाई करते समय कतारों की दूरी 15 से.मी. तथा कतारों में पौधे की दूरी 10 से.मी. रखते है।
• रोपाई के बाद हल्की सिंचाई करनी जरुरी होती है।
• लगभग 20 टन गोबर या कम्पोस्ट खाद प्रति एकड़ के हिसाब से खेत की जुताई के समय डालते हैं।
• प्याज को सिंचाई रोज करनी चाहिए।
• खरपतवार को बढ़ने नहीं देना चाहिए इसशे फल पर असर पड़ता है।
• जब प्याज की डाली सूखने लग जाये तो प्याज को खोदकर निकाल लेना चाहिए और सुरक्षित बंडारण करना चाहिए।
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