अमरुद की खेती कैसे करे? Guava Farming Method in Hindi

अमरुद भारत के उष्ण कटिबंधीय तथा उपोष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में उगाया जाता है। अमरुद बहुत थोड़ी देख भाल करने पर भी अच्छी पैदावार देता है। अमरुद का फल विटामिन सी से भरपूर होता है।

खेती की विधि (Seeding Method)

• अमरुद 4.5 – 8.5 पी.एच. वाली विभिन्न प्रकार की मिट्टियों में उगाया जाता है।
• इसके अलावा उष्ण कटिबंधीय दोनों क्षेत्रों की विविध जलवायु वाली परिस्थितियों में इसकी पैदावार होती है।
• अमरुद बीजों के द्वारा भी उगाये जाते हैं और इसकी कलम भी लगायी जाती है।
• अमरुद के पौधे रोपने का अच्छा समय वर्षा प्रारंभ होने बाद से जून का अंतिम सप्ताह या जुलाई का महिना है। इसके पौधे 5 – 6 मीटर के फासले पर लगाये जाते हैं।

• छोटे पौधों को बरसात की शुरुआत होते ही खाद देनी चाहिए। एक साल वाले पौधों को 12-15 कि०ग्रा० गोबर की खाद देनी चाहिए।
• चौथे साल पूरा होने तक गोबर की खाद 15 कि०ग्रा० प्रति वर्ष की दर से बढ़ाते रहना चाहिए।
• पूरी तरह से विकसित और फल वाले पौधे 10 वर्ष या इससे अधिक आयु से पौधे को लगभग 60 कि०ग्रा० गोबर की खाद और 2.5 अमोनियम सल्फ़ेट 450 ग्राम पोटेशियम सल्फ़ेट तथा 1.25 कि०ग्रा० सुपर फ़ॉस्फ़ेट देना चाहिए।
• गोबर की खाद सितम्बर में देनी चाहिए।
• अमरुद की पहली फ़सल बरसात में तथा दूसरी फ़सल सर्दियों में आती है।

Also Read :

We will be happy to hear your thoughts

Leave a reply

KrushiDarshan
Logo
Enable registration in settings - general