चीकू Naseberry Production Cultivation

चीकू का प्रयोग खाने के साथ जैम, व जैली आदि बनाने में किया जाता है। इसकी खेती हरियाणा के पूर्वी क्षेत्र में सफलतापूर्वक की जाती है।

बोने की विधि Seeding Method
• चीकू की खेती सभी प्रकार की भूमि में की जा सकती है, परन्तु गहरी, उपजाऊ तथा बलुई दोमट मिट्टी इसके लिए बहुत अच्छी मानी जाती है।
• इसकी खेती के लिए गर्म व नम मौसम की आवश्यकता होती है।
• गर्मी में इसके लिए उचित पानी की व्यवस्था का होनी भी आवश्यक है।
• जुलाई से सितम्बर तक चीकू के पौधे लगाये जाते हैं।
• रूड़ी की खाद 40 किलोग्राम प्रति पेड़ हर साल दिसम्बर-जनवरी में डालनी चाहिए । सुपरफास्फेट व पोटाश की पूरी मात्रा भी डालनी चाहिए ।
• नत्रजन की आधी मात्रा फरवरी में तथा बाकि बची आधी मात्रा जुलाई-अगस्त में डालनी चाहिए ।
• चीकू कुछ सीमा तक सूखे की स्थिति को सहन कर लेता है फिर भी अच्छी फसल के लिए सिंचाई जरुरी है।
• छोटे पौधों को 6 से 12 दिन के अन्तर पर सर्दियों से गर्मियों तक सिंचाई करनी चाहिए , परन्तु वर्षा के समय अधिक दिनों के अन्तर पर आवश्यकतानुसार ही सिंचाई करनी चाहिए ।
• चीकू का पेड़ तीन चार साल बाद फल देने लग जाता है। जो फल गर्मी में तैयार होते हैं वह अधिक मीठे होते है।

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