महाराष्ट्र में सबसे अधिक केले का उत्पादन होता है। महाराष्ट्र के कुल केला क्षेत्र का 70 प्रतिशत जलगांव जिले में है। भारत में लगभग 4.9 लाख हेक्टेयर भूमि में केले की खेती होती है जिससे 180 लाख टन उत्पादन होता है।
खेती की विधि (Seeding Method)
• केले के लिये उष्ण तथा आर्द्र जलवायु ठीक होती है।
• जंहा पर तापमान 20-35 डिग्री सेन्टीग्रेड रहता है वहाँ पर केले की खेती अच्छी तरह से की जा सकती है।
• वर्षा 150-200 से.मी. समान रूप से होनी चाहिये। शीत और शुष्क जलवायु में भी इसका उत्पादन होता है।
• केले की खेती के लिए बलुई से मटियार दोमट मिटटी ठीक होती है, जिसका पी. एच मान 6.5-7.5 और उचित जल निकास का होना आवश्यक हैं।
• भूमि का जलस्तर 7-8 फीट नीचे होना चाहिये।
• खेत की जुताई कर मिट्टी को भूरि-भूरि बना लेना चाहिये
• कतार की दूरी 1.8 मीटर पौधे की दूरी 1.5 मीटर होनी चाहिए तथा पौधा रोपण के लिये 45 X 45 X 45 सें. मी. आकार के गड्डे खोदे तथा प्रत्येक गडडे मे 12-15 किग्रा. सड़ी हुई गोबर या कम्पोस्ट खाद रोपण के पूर्व साथ ही प्रत्येक गडडे में 5 ग्राम थिमेट दवा मिटटी में मिला दें।
• रोपाई अप्रैल से मई और अक्टूबर में की जाती है।
• रोपाई करने के तुरंत बाद सिंचाई करनी चाहिए और नियमित सिंचाई करनी चाहिए।
• जब केले का फल पूरा आकार ले ले तो उसको काट लेना चाहिए।